जो भी मुझे पहन लेता है उसके दूर दरिद्दर।
मैं हूँ खद्दर, मैं हूँ खद्दर, मैं हूँ खद्दर खद्दर।।
उल्लू गधा गिद्ध औ गीदड़, कौआ बगला कोई।
नहीं रहेगा रूप पुराना, केवल लीडर होई।।
बीस साल का पहने चाहे, पहने उम्र पचत्तर।
मैं हूँ खद्दर..........
नीला पीला रंग गुलाबी, काला कीचड़ डालो।
चढ़े न मुझपर दूजा कोई, कैसे भी अजमालो।।
मिले सलामी कदम-कदम पर, तलुआ चाटे अफसर।
मैं हूँ खद्दर...........
कदर जानता है जो मेरी, वही मुझे अजमाये।
मुझे पहनने वालों ने ही, हैं डाके डलवाये।।
तुझसे नहीं पुलिस कुछ बोले, बलत्कार या कत्तल।
मैं हूँ खद्दर.............
रिश्वत खाओ और कमीशन, चाहे करो दलाली।
कोई न कहने वाला होगा, करतूतें हों काली।।
एक फोन से काम बनेगा, घर में आये दफ्तर।
मैं हूँ खद्दर..............
आया oder सड़क बनेगी, कागज पर बनवा लो।
क्यों डरते हो मैं हूँ तन पर, सारा पैसा खालो।।
लगा न डामर, न मजदूरी, लगा एक न पत्थर।
मैं हूँ खद्दर................
खूब चलेगी ठेकेदारी, दो नम्बर के धन्धे।
नकली बिल भी पास करेंगे, अफसर होकर अंधे।।
मुझसे कितने बने विधायक, कितने बने मिनिस्टर।
मैं हूँ खद्दर मैं हूँ..........
मैं हूँ खद्दर, मैं हूँ खद्दर, मैं हूँ खद्दर खद्दर।।
उल्लू गधा गिद्ध औ गीदड़, कौआ बगला कोई।
नहीं रहेगा रूप पुराना, केवल लीडर होई।।
बीस साल का पहने चाहे, पहने उम्र पचत्तर।
मैं हूँ खद्दर..........
नीला पीला रंग गुलाबी, काला कीचड़ डालो।
चढ़े न मुझपर दूजा कोई, कैसे भी अजमालो।।
मिले सलामी कदम-कदम पर, तलुआ चाटे अफसर।
मैं हूँ खद्दर...........
कदर जानता है जो मेरी, वही मुझे अजमाये।
मुझे पहनने वालों ने ही, हैं डाके डलवाये।।
तुझसे नहीं पुलिस कुछ बोले, बलत्कार या कत्तल।
मैं हूँ खद्दर.............
रिश्वत खाओ और कमीशन, चाहे करो दलाली।
कोई न कहने वाला होगा, करतूतें हों काली।।
एक फोन से काम बनेगा, घर में आये दफ्तर।
मैं हूँ खद्दर..............
आया oder सड़क बनेगी, कागज पर बनवा लो।
क्यों डरते हो मैं हूँ तन पर, सारा पैसा खालो।।
लगा न डामर, न मजदूरी, लगा एक न पत्थर।
मैं हूँ खद्दर................
खूब चलेगी ठेकेदारी, दो नम्बर के धन्धे।
नकली बिल भी पास करेंगे, अफसर होकर अंधे।।
मुझसे कितने बने विधायक, कितने बने मिनिस्टर।
मैं हूँ खद्दर मैं हूँ..........
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