आयुर्वेदिक दिनेश के दोहे भाग-2
1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय।
दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।
2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल।
मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।।
3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम।
खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।
4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम।
सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।।
5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय।
बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ जाय।।
6.गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार।
सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे अतिसार।।
7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय।
दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।
8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल।
खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।।
9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय।
चक्कर आना बंद हों,जो भी इसको खाय।।
10.मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम।
तीन बार दिन में पियें, पथरी से आराम।।
11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय।
पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर जाय।।
12.आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय।
पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।
13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम।
दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम।।
14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ।
चीनी सँग लें बीस दिन,पथरी दे न दिखाइ।।
15.खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम।
लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।
16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर खाय।
गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।
17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय।
इसको नियमित खाय तो,पथरी बाहर आय।।
(आयुर्वेदिक पुस्तकों के आधार पर)
1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय।
दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।
2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल।
मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।।
3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम।
खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।
4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम।
सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।।
5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय।
बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ जाय।।
6.गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार।
सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे अतिसार।।
7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय।
दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।
8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल।
खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।।
9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय।
चक्कर आना बंद हों,जो भी इसको खाय।।
10.मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम।
तीन बार दिन में पियें, पथरी से आराम।।
11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय।
पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर जाय।।
12.आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय।
पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।
13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम।
दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम।।
14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ।
चीनी सँग लें बीस दिन,पथरी दे न दिखाइ।।
15.खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम।
लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।
16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर खाय।
गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।
17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय।
इसको नियमित खाय तो,पथरी बाहर आय।।
(आयुर्वेदिक पुस्तकों के आधार पर)
उपयोगी नुक्तों को करीने से सजाया है - सुन्दर कृति.
ReplyDeleteबढ़िया ...जानकारी वर्धक ...
ReplyDeletekewal जी एवं रजनीश जी मेरे ब्लॉग पर पथम आगमन पर
ReplyDeleteआपका हार्दिक स्वागत है।
प्रोत्यसाहित करने वाली टिप्पणी देने के लिये आभार....
वाह...उपयोगी बातें..वो भी सुर में.
ReplyDeleteशुक्रिया.
remove word verification...पाठकों को आसानी होगी कमेन्ट करने में.
ये तो सारे दोहे कंठस्थ करने लायक हैं । बहुत खूब ।
ReplyDeleteरजनीश जी मेरे ब्लॉग पर आकर अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने
ReplyDeleteके लिये आभार।
vidya जी मेरे ब्लॉग पर आकर प्रतिक्रिया देकर मेरा उत्साह-वर्धन
ReplyDeleteकरने के लिये एवं मेरा मार्ग-दर्शन करने के लिये कोटि-कोटि आभार।
आपके कहे अनुसार मैंने remove word verification कर
दिया है।
गिरजा जी मेरे दोहों को इतना अधिक महत्व देने के लिये
ReplyDeleteआपका हृदय से आभार....
वाह...ये तो मजे मजे में आपने बहुत सारी काम की बातें बता दिन...
ReplyDeleteनीरज
नीरज जी मेरे ब्लॉग पर आकर सटीक प्रतिक्रिया देने के लिये आभार।
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक पोस्ट!
Great post ! Very informative and useful. Thanks.
ReplyDeleteUrmi जी उत्साह-वर्धक प्रतिक्रिया के लिये आभार........
ReplyDeleteZEAL जी नमस्कार,
ReplyDeleteमेरी छोटी सी रचना को इतना बड़ा सम्मान देने के लिये
हृदय से आभार.........
वाह .....दोहों में उपचार........बहुत ही सुन्दर |
ReplyDeleteइमरान जी, सादर नमन।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आकर प्रथम प्रतिक्रिया देने के लिये हृदय से आभार।
वाह!क्या बात है ...ये तो वो ही बात हुई के आम के आम गुठलियों के दाम.......:) आप की ये पोस्ट मुझे काफी पसंद आई,अगर हो सके तो इस तरह आगे भी लिखते रहें,अहली बार ब्लॉग पर आना हुआ,इस पोस्ट से आना सार्थक भी हुआ.....इस पोस्ट के लिए आप बधाई के पात्र है....बधाई स्वीकारें.....
ReplyDeleteआदरणीय avanti singh ji सादर प्रणाम,
Deleteब्लॉग पर आकर उत्साह बढ़ाने वाली प्रतिक्रिया देने के लिये
हृदय से आभार.........
आगे भी यदि आपकी ऐसी कृपा बनी रही तो लिश्चित ही मेरा
लिखना सार्थक होगा।
लिश्चित को निश्चित पढ़े, त्रुटि के लिये क्षमा चाहता हूँ।
Deleteकाव्य-काव्य में
ReplyDeleteकई रोगों से मुक्ति का साधन
प्राप्त हो गए... वाह !!
daanish जी मेरे ब्लॉग पर आकर प्रतिक्रिया देने के लिये आभार....
ReplyDeleteआम के आम गुठलियों के दाम ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
सतीश जी मेरे बलॉग पर आकर प्रोत्यसाहित करने वाली
Deleteप्रतिक्रिया देने के लिए आभार...
सेहत के नुश्खे काव्यात्मक मुद्रा में लायें हैं आप ,करते हम आपको शतश :प्रणाम .
ReplyDeleteवीरूभाई आपका बहुत बहुत आभार मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए
ReplyDeleteअच्छे नुस्खों को काव्यात्मकता दी है ... लाजवाब ...
ReplyDeleteदिगम्बर जी तारीफ के लिये आभार.........
Deleteसचमुच बेहद उपयोगी पोस्ट !
ReplyDeleteलयबध तरीके से आपने नुस्ख़ा दिया है !
बधाई !
मनीष जी प्रतिक्रिया देने के लिए आभार.....
Deletedohon me swasthya - waah
ReplyDeleteरश्मि जी रचना को सराहने के लिये हृदय से आभार.....
Deleteबहुत सुन्दर एवं ज्ञानवर्धक पोस्ट!
ReplyDeleteUrmi ji आपका बहुत बहुत आभार उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया
Deleteदेने के लिये।
वाह! बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteपथरी पर तो आपने अष्ट भुजाओं से प्रहार किया है जी.
अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार.
राकेश जी प्रतिक्रिया देने के लिये आभार.....
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